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क्या आप भी लोगों को उनके पहनावे से जज करते हैं ?

  • Writer: Man Bahadur Singh
    Man Bahadur Singh
  • Mar 26, 2024
  • 2 min read

Updated: Jun 14, 2024

हम प्रायः लोगों को उनके पहनावे, रंग रूप और शक्ल सूरत से जज करते हैं और उनके बारे में अवधारणा बना लेते हैं। पारम्परिक परिधान मसलन धोती-कुर्ता, पायजामा-कुर्ता या लुंगी-शर्ट पहने व्यक्ति के बारे में जाने बिना ही यह अवधारणा बना ली जाती है कि ऐसे व्यक्ति कदाचित अनपढ़, गँवार और आधुनिक तकनीक से अनभिज्ञ होंगे। कदाचित यही कारण है कि हम अपने पारम्परिक परिधान पहनने में संकोच करते हैं। परंतु मैं पारम्परिक परिधान पहनने में कतई संकोच नहीं करता। उत्तर भारत हो या दक्षिण भारत, मैं धोती-कुर्ता, कुर्ता-पायजामा या लुंगी-शर्ट पहनने में कतई संकोच नहीं करता।


प्रायः लोग मुझे इन परिधानों में देखकर मुझे भी अनपढ़, गँवार और देहाती समझते हैं और उसी तरह से व्यवहार भी करते हैं लेकिन मुझे बुरा नहीं लगता। बल्कि मुझे मजा आता है। 26 मार्च की बात है, मैं और मेरी पत्नी बंगलुरु में थे। मुम्बई जाने के लिए एअर इंडिया 622 में हमारी बुकिंग थी। बेंगलुरू के केम्पेगौडा हवाई अड्डे पर पहुंच कर हम लोग डिजी यात्रा वाली इन्ट्री लेन में बढ़ने लगे। डिजी यात्रा भारत सरकार का एक ऐप है, जिसमें आप अपना रजिस्ट्रेशन करते हैं और अपनी यात्रा से सम्बंधित डाक्यूमेंट्स और बोर्डिंग पास अपलोड कर देते हैं। डिजी यात्रा ऐप पर आपके चेहरे की स्कैनिंग होती है। प्रायः सभी हवाई अड्डों पर डिजी यात्रा की अलग लेन होती है और आपको एअरपोर्ट पर कोई भी पेपर नहीं दिखाना पड़ता है। स्कैनर दूर से ही आपका चेहरा स्कैन कर लेता है और आपको आगे जाने के लिए इन्ट्री बैरियर ओपन कर देता है।


कुर्ता पायजामा पहने मैं जैसे ही डिजी यात्रा लेन में बढ़ने लगा तो डिजी यात्रा लेन में खड़े इंस्पेक्टर ने हमें हाथ से इशारा किया कि हम लोग बगल वाली सामान्य इन्ट्री लेन से आएं। मुझे लगा कि शायद डिजी यात्रा सिस्टम काम नहीं कर रहा होगा, इस लिए हमें सामान्य इन्ट्री लेन से आने के लिए इशारा कर रहा है। हम जब इन्ट्री प्वाइंट पर पहुंचे तो, सामान्य इन्ट्री लेन में खड़े सिपाही ने हमसे पूछा कि आप की डिजी यात्रा तो नहीं है। मैं कोई जबाब देता, उससे पहले ही डिजी यात्रा पर खड़ा इंस्पेक्टर सिपाही को डाँटते हुए कहा कि उन्हें क्या पता होगा कि डिजी यात्रा क्या है। फालतू की बात पूछते रहते हो।


इंस्पेक्टर की बात पूरी होने पर मैंने उन्हें बताया कि मान्यवर मैं डिजी यात्रा पर रजिस्टर्ड हूँ और हमारे बोर्डिंग पास अपलोड हैं। तब वह थोड़ा झेपते हुए कहा कि सर आप इस लेन में आ जाइए। मुझे बुरा नहीं लगा, बल्कि अच्छा लगा कि कम से कम इस इंस्पेक्टर को यह आभास तो हो गया कि कुर्ता पायजामा पहना व्यक्ति भी आधुनिकतम तकनीक से लैस हो सकता है।


हमें अपनी परम्पराओं और पारंपरिक परिधानों पर गर्व है। हमें लोगों को उनके कपड़ों से जज नहीं करना चाहिए।

 
 
 

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